प्रगति के पथ पर निरन्तर अग्रसर

एवं

बच्चों के सम्पूर्ण विकास तथा उनके उज्जवल भविष्य के लिए सतत प्रयत्नशील… 

 *****सभी प्राथमिक सुविधाओं से युक्त एवं झारखण्ड अधिविद्य परिषद् द्वारा स्थायी प्रस्वीकृति प्राप्त *****

विद्यार्थियों के अध्ययन संबंधी नियम 

1 . नियमित  विद्यार्थियों  के लिए प्रत्येक विषय में विद्यार्थी की 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी अन्यथा उसे परीक्षा में बैठने की पात्रता नहीं होगी। 

2 . विद्यार्थी प्रयोगशाला के उपकरणों का उपयोग सावधानीपूर्वक करेगा।  उनको स्वच्छ रखेगा एवं प्रयोगशाला को साफ सुथरा रखेगा। 

3 . पुस्तकालय द्वारा स्थापित नियमों का पूर्ण पालन करेगा, उसे निर्धारित संख्या में पुस्तकें प्राप्त होगी तथा समय में न लौटाने पर निर्धारित आर्थिक दंड देना होगा। 

4 . अध्ययन से संबंधित किसी भी कठिनाई के लिए वह संबंधित शिक्षकों /शिक्षिकाओं के समक्ष अथवा प्रधानाध्यापक के समक्ष शांतिपूर्वक ढंग से अभ्यावेदन प्रस्तुत  करेगा। 

5 . व्याख्यान कक्षों , प्रयोगशालाओं या वाचनालय में पंखे, लाइट , फर्नीचर , इलेक्ट्रिक फिटिंग आदि की तोड़ फोड़ करना दंडात्मक आचरण माना जायेगा। 


परीक्षा संबंधी नियम 

1 . विद्यार्थी को सत्र के दौरान होने वाली सभी इकाई परीक्षाओं, प्रथम सत्र एवं द्वितीय सत्र परीक्षाओं में सम्मिलित होना अनिवार्य है। 

2 . अस्वस्थतावश आंतरिक परीक्षाओं में सम्मिलित न होने की स्थिति में विद्यार्थी शासकीय चिकित्सक से मेडिकल सर्टिफिकेट प्रस्तुत करेगा तथा स्वस्थ होने के उपरांत परीक्षा में सम्मिलित होगा। 

3 . परीक्षा में या उनके संबंध में किसी प्रकार का अनुचित लाभ लेने या अनुचित साधनों का प्रयोग करने का प्रयत्न गंभीर दुराचरण माना जायेगा। 



परीक्षा पध्दति 

विद्यालय की परीक्षा पध्दति के दो प्रमुख तत्व हैं :

(क) आंतरिक गृह कार्य : यह परीक्षा का अभिन्न अंग है। विद्यालय द्वारा आंतरिक मूल्यांकन हेतु आंतरिक गृह कार्य प्रदान किये जाते हैं उन्हें विद्यार्थियों को अपने घर पर बैठकर हल करके निर्धारित समय के अंदर विद्यालय के कार्यालय में जमा करना है। 

(ख ) कार्यक्रम की अवधि पूरी होने के बाद सत्रांत परीक्षा आयोजित की जाती है।  सामान्यतः वर्ष में दो बार यह परीक्षाएँ आयोजित की जाती है।  



परीक्षा का माध्यम 

विद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा के लिए यदि पाठ्यक्रम सामग्री हिन्दी में दी जाती है तब भी यह आवश्यक नहीं है कि परीक्षा माध्यम हिन्दी में रखा जाये।  यदि कोई विद्यार्थी चाहे तो पाठ्यक्रम सामग्री का माध्यम हिन्दी होने पर भी परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी चुन सकता है। ठीक उसी तरह विद्यार्थी पठन सामग्री अंग्रेजी में होने पर भी परीक्षा का माध्यम हिन्दी चुन सकता है।  



मूल्याङ्कन  

सत्रीय गृहकार्य एवं सत्रांत मुख्य परीक्षा के लिए प्रत्येक पाठ्यक्रम के पूर्णांक नियत हैं, जिसमे से परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए विद्यार्थी को न्यूनतम निर्धारित अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।